मेरे प्यारे डिजिटल जगत के लिए –
नम्बर कई मिले
मिलनाम्बर में
उनमें थे
न कोई गिले
पर बचे
शून्य एक
ही रहे
अदृश्य दृश्य
से सब बने
नम्बर कई
फिर मिल गए
मिलनाम्बर में
उनमें थे
न कोई गिले
पर बचे
शून्य एक
ही रहे
अदृश्य दृश्य
से सब बने
नम्बर कई
फिर मिल गए
~ वाणी मुरारका
मिलनाम्बर: मिलन का अम्बर – अर्थात इन्टरनेट
चित्र सौजन्य: pixabay.com
Excellent, Vani. You have coined a beautiful word – a world of numbers! The globe made up of numbers is also a very striking visualisation! Great job.
Nice lines ..beautifully composed..