शिव तुमको ही अर्पित हूँ –

शिव तुमको ही अर्पित हूँ मासूम सुमन भोली सी
ब्रह्मांगन में तेरे अब मां खेलूं मैं हिरणी सी

श्री-उपहार नए जीवन का, प्रेम-सुधा वरदान
उर में सतरंगी सुख लाया तेरा वीर्य महान

मधु-कली सी वाणी मेरी हरित करे जन मन को
वसुन्धरा पर माँ अब तेरे दे दूँ मैं तन मन को

तेरा हाथ पकड़ चलना है ओ मेरे रखवारे
पथ आलोकित करते चलना सत्-करुणा उर वारे

~ वाणी मुरारका

brahmaangan

ब्रह्मांगन में तेरे अब मां खेलूं मैं हिरणी सी

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